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"The world suffers alot, not because of the violence of bad people, but because of the silence of good people!!" By NAPOLEON BONAPART.. मेरे विचार ही मेरी पहचान हैं...मैं एक भारतीय हूँ.., जय हिंद!

शनिवार, 27 अगस्त 2011

इस्लाम की असलियत देखो...









by राज आर्य on Wednesday, August 24, 2011 at 10:37pm
जमात-ए-इस्लामी के संस्थापक मौलाना मौदूदी कहते हैं कि कुरान के अनुसार विश्व दो भागों में बँटा हुआ है, एक वह जो अल्लाह की तरफ़ हैं और दूसरा वे जो शैतान की तरफ़ हैं। देशो की सीमाओं को देखने का इस्लामिक नज़रिया कहता है कि विश्व में कुल मिलाकर सिर्फ़ दो खेमे हैं, पहला दार-उल-इस्लाम (यानी मुस्लिमों द्वारा शासित) और दार-उल-हर्ब (यानी “नास्तिकों” द्वारा शासित)। उनकी निगाह में नास्तिक का अर्थ है जो अल्लाह को नहीं मानता, क्योंकि विश्व के किसी भी धर्म के भगवानों को वे मान्यता ही नहीं देते हैं।

इस्लाम सिर्फ़ एक धर्म ही नहीं है, असल में इस्लाम एक पूजापद्धति तो है ही, लेकिन उससे भी बढ़कर यह एक समूची “व्यवस्था” के रूप में मौजूद रहता है। इस्लाम की कई शाखायें जैसे धार्मिक, न्यायिक, राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक, सैनिक होती हैं। इन सभी शाखाओं में सबसे ऊपर, सबसे प्रमुख और सभी के लिये बन्धनकारी होती है धार्मिक शाखा, जिसकी सलाह या निर्देश (बल्कि आदेश) सभी धर्मावलम्बियों को मानना बाध्यकारी होता है। किसी भी देश, प्रदेश या क्षेत्र के “इस्लामीकरण” करने की एक प्रक्रिया है। जब भी किसी देश में मुस्लिम जनसंख्या एक विशेष अनुपात से ज्यादा हो जाती है तब वहाँ इस्लामिक आंदोलन शुरु होते हैं। शुरुआत में उस देश विशेष की राजनैतिक व्यवस्था सहिष्णु और बहु-सांस्कृतिकवादी बनकर मुसलमानों को अपना धर्म मानने, प्रचार करने की इजाजत दे देती है, उसके बाद इस्लाम की “अन्य शाखायें” उस व्यवस्था में अपनी टाँग अड़ाने लगती हैं। इसे समझने के लिये हम कई देशों का उदाहरण देखेंगे, आईये देखते हैं कि यह सारा “खेल” कैसे होता है

जब तक मुस्लिमों की जनसंख्या किसी देश/प्रदेश/क्षेत्र में लगभग 2% के आसपास होती है, तब वे एकदम शांतिप्रिय, कानूनपसन्द अल्पसंख्यक बनकर रहते हैं और किसी को विशेष शिकायत का मौका नहीं देते, जैसे -
अमेरिका – मुस्लिम 0.6%
ऑस्ट्रेलिया – मुस्लिम 1.5%
कनाडा – मुस्लिम 1.9%
चीन – मुस्लिम 1.8%
इटली – मुस्लिम 1.5%
नॉर्वे – मुस्लिम 1.8%

जब मुस्लिम जनसंख्या 2% से 5% के बीच तक पहुँच जाती है, तब वे अन्य धर्मावलम्बियों में अपना “धर्मप्रचार” शुरु कर देते हैं, जिनमें अक्सर समाज का निचला तबका और अन्य धर्मों से असंतुष्ट हुए लोग होते हैं, जैसे कि –
डेनमार्क – मुस्लिम 2%
जर्मनी – मुस्लिम 3.7%
ब्रिटेन – मुस्लिम 2.7%
स्पेन – मुस्लिम 4%
थाईलैण्ड – मुस्लिम 4.6%

मुस्लिम जनसंख्या के 5% से ऊपर हो जाने पर वे अपने अनुपात के हिसाब से अन्य धर्मावलम्बियों पर दबाव बढ़ाने लगते हैं और अपना “प्रभाव” जमाने की कोशिश करने लगते हैं। उदाहरण के लिये वे सरकारों और शॉपिंग मॉल पर “हलाल” का माँस रखने का दबाव बनाने लगते हैं, वे कहते हैं कि “हलाल” का माँस न खाने से उनकी धार्मिक मान्यतायें प्रभावित होती हैं। इस कदम से कई पश्चिमी देशों में “खाद्य वस्तुओं” के बाजार में मुस्लिमों की तगड़ी पैठ बनी। उन्होंने कई देशों के सुपरमार्केट के मालिकों को दबाव डालकर अपने यहाँ “हलाल” का माँस रखने को बाध्य किया। दुकानदार भी “धंधे” को देखते हुए उनका कहा मान लेता है (अधिक जनसंख्या होने का “फ़ैक्टर” यहाँ से मजबूत होना शुरु हो जाता है), ऐसा जिन देशों में हो चुका वह हैं –
फ़्रांस – मुस्लिम 8%
फ़िलीपीन्स – मुस्लिम 6%
स्वीडन – मुस्लिम 5.5%
स्विटजरलैण्ड – मुस्लिम 5.3%
नीडरलैण्ड – मुस्लिम 5.8%
त्रिनिदाद और टोबैगो – मुस्लिम 6%

इस बिन्दु पर आकर “मुस्लिम” सरकारों पर यह दबाव बनाने लगते हैं कि उन्हें उनके “क्षेत्रों” में शरीयत कानून (इस्लामिक कानून) के मुताबिक चलने दिया जाये (क्योंकि उनका अन्तिम लक्ष्य तो यही है कि समूचा विश्व “शरीयत” कानून के हिसाब से चले)। जब मुस्लिम जनसंख्या 10% से अधिक हो जाती है तब वे उस देश/प्रदेश/राज्य/क्षेत्र विशेष में कानून-व्यवस्था के लिये परेशानी पैदा करना शुरु कर देते हैं, शिकायतें करना शुरु कर देते हैं, उनकी “आर्थिक परिस्थिति” का रोना लेकर बैठ जाते हैं, छोटी-छोटी बातों को सहिष्णुता से लेने की बजाय दंगे, तोड़फ़ोड़ आदि पर उतर आते हैं, चाहे वह फ़्रांस के दंगे हों, डेनमार्क का कार्टून विवाद हो, या फ़िर एम्स्टर्डम में कारों का जलाना हो, हरेक विवाद को समझबूझ, बातचीत से खत्म करने की बजाय खामख्वाह और गहरा किया जाता है, जैसे कि –
गुयाना – मुस्लिम 10%
भारत – मुस्लिम 15%
इसराइल – मुस्लिम 16%
केन्या – मुस्लिम 11%
रूस – मुस्लिम 15% (चेचन्या – मुस्लिम आबादी 70%)

जब मुस्लिम जनसंख्या 20% से ऊपर हो जाती है तब विभिन्न “सैनिक शाखायें” जेहाद के नारे लगाने लगती हैं, असहिष्णुता और धार्मिक हत्याओं का दौर शुरु हो जाता है, जैसे-
इथियोपिया – मुस्लिम 32.8%

जनसंख्या के 40% के स्तर से ऊपर पहुँच जाने पर बड़ी संख्या में सामूहिक हत्याऐं, आतंकवादी कार्रवाईयाँ आदि चलाने लगते हैं, जैसे –
बोस्निया – मुस्लिम 40%
चाड – मुस्लिम 54.2%
लेबनान – मुस्लिम 59%

जब मुस्लिम जनसंख्या 60% से ऊपर हो जाती है तब अन्य धर्मावलंबियों का “जातीय सफ़ाया” शुरु किया जाता है (उदाहरण भारत का कश्मीर), जबरिया मुस्लिम बनाना, अन्य धर्मों के धार्मिक स्थल तोड़ना, जजिया जैसा कोई अन्य कर वसूलना आदि किया जाता है, जैसे –
अल्बानिया – मुस्लिम 70%
मलेशिया – मुस्लिम 62%
कतर – मुस्लिम 78%
सूडान – मुस्लिम 75%

जनसंख्या के 80% से ऊपर हो जाने के बाद तो सत्ता/शासन प्रायोजित जातीय सफ़ाई की जाती है, अन्य धर्मों के अल्पसंख्यकों को उनके मूल नागरिक अधिकारों से भी वंचित कर दिया जाता है, सभी प्रकार के हथकण्डे/हथियार अपनाकर जनसंख्या को 100% तक ले जाने का लक्ष्य रखा जाता है, जैसे –
बांग्लादेश – मुस्लिम 83%
मिस्त्र – मुस्लिम 90%
गाज़ा पट्टी – मुस्लिम 98%
ईरान – मुस्लिम 98%
ईराक – मुस्लिम 97%
जोर्डन – मुस्लिम 93%
मोरक्को – मुस्लिम 98%
पाकिस्तान – मुस्लिम 97%
सीरिया – मुस्लिम 90%
संयुक्त अरब अमीरात – मुस्लिम 96%

बनती कोशिश पूरी 100% जनसंख्या मुस्लिम बन जाने, यानी कि दार-ए-स्सलाम होने की स्थिति में वहाँ सिर्फ़ मदरसे होते हैं और सिर्फ़ कुरान पढ़ाई जाती है और उसे ही अन्तिम सत्य माना जाता है, जैसे –
अफ़गानिस्तान – मुस्लिम 100%
सऊदी अरब – मुस्लिम 100%
सोमालिया – मुस्लिम 100%
यमन – मुस्लिम 100%

दुर्भाग्य से 100% मुस्लिम जनसंख्या होने के बावजूद भी उन देशों में तथाकथित “शांति” नहीं हो पाती। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि जिन देशों में मुस्लिम जनसंख्या 8 से 10 प्रतिशत हो चुकी होती है, उन देशों में यह तबका अपने खास “मोहल्लो” में रहना शुरु कर देता है, एक “ग्रुप” बनाकर विशेष कालोनियाँ या क्षेत्र बना लिये जाते हैं, उन क्षेत्रों में अघोषित रूप से “शरीयत कानून” लागू कर दिये जाते हैं। उस देश की पुलिस या कानून-व्यवस्था उन क्षेत्रों में काम नहीं कर पाती, यहाँ तक कि देश का न्यायालयीन कानून और सामान्य सरकारी स्कूल भी उन खास इलाकों में नहीं चल पाते (ऐसा भारत के कई जिलों के कई क्षेत्रों में खुलेआम देखा जा सकता है, कई प्रशासनिक अधिकारी भी दबी जुबान से इसे स्वीकार करते हैं, लेकिन “सेकुलर-देशद्रोहियों” के कारण कोई कुछ नहीं बोलता)।

आज की स्थिति में मुस्लिमों की जनसंख्या समूचे विश्व की जनसंख्या का 22-24% है, लेकिन ईसाईयों, हिन्दुओं और यहूदियों के मुकाबले उनकी जन्मदर को देखते हुए कहा जा सकता है कि इस शताब्दी के अन्त से पहले ही मुस्लिम जनसंख्या विश्व की 50% हो जायेगी (यदि तब तक धरती बची तो)… भारत में कुल मुस्लिम जनसंख्या 15% के आसपास मानी जाती है, जबकि हकीकत यह है कि उत्तरप्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और केरल के कई जिलों में यह आँकड़ा 40 से 50% तक पहुँच चुका है… अब देश में आगे चलकर क्या परिस्थितियाँ बनेंगी यह कोई भी (“सेकुलरों” को छोड़कर) आसानी से सोच-समझ सकता है…
(सभी सन्दर्भ और आँकड़े : डॉ पीटर हैमण्ड की पुस्तक “स्लेवरी, टेररिज़्म एण्ड इस्लाम – द हिस्टोरिकल रूट्स एण्ड कण्टेम्पररी थ्रेट तथा लियोन यूरिस – “द हज”, से साभार)

गुरुवार, 25 अगस्त 2011

जागो हिन्दू जागो...










There are nearly 52 Muslim countries and the others are mostly Christian.
*Show one Muslim country which provides Haj subsidy.
*Show one Muslim country where Hindus are extended the special rights that Muslims are accorded in India.
*Show one country where the 85% majority craves for the indulgence of the 15% minority.
*Show one Muslim country, which has a non-Muslim as its President or Prime Minister. Show one Mullah or Maulvi who has declared a 'fatwa' against terrorists.
*Hindu-majority Maharashtra, Bihar, Kerala, Pondicherry , etc. have in the past elected Muslims as CMs, can you ever imagine a Hindu becoming the CM of Muslim - majority J & K?
*In 1947, when India was partitioned,the Hindu population in Pakistan was about 24%….Today it is not even 1%. In 1947, the Hindu population in East Pakistan (now Bangladesh) was 30% ….today it is about 7%. What happened to the missing Hindus?
*Do Hindus have human rights? In contrast, in India, Muslim population has gone up from 10.4% in 1951 to about 14% today; whereas Hindu population has come down from 87.2% in 1951 to 85% in 1991.
*Do you still think that Hindus are fundamentalists?
*In India today Hindus are 85%. If Hindus are intolerant, how come masjids and madrasas are thriving?
*How come Muslims are offering Namaz on the roads?
*How come Muslims are proclaiming 5 times a day on loud speakers that there is no God except Allah?
*When Hindus gave to Muslims 30% of Bharat for a song, why should Hindus now beg for their sacred places at Ayodhya, Mathura And Kashi?
*Why Gandhi objected to the decision of the cabinet and insisted that Somnath Temple should be reconstructed out of public fund, not government funds. When in January 1948, he pressurized Nehru and Patel to carry on renovation of the mosques of Delhi at government expenses?
*Why Gandhi supported Khilafat Movement (nothing to do with our freedom movement) and what in turn he got?
*If Muslims are minorities in Maharashtra, UP, Bihar etc., are Hindus not minorities in J&K, Mizoram, Nagaland, Arunachal Pradesh, Meghalaya etc? Why are Hindus denied minority rights in these states?
*When Haj pilgrims are given subsidy, why Hindu pilgrims to Amarnath, Sabarimalai & Kailash Mansarovar are taxed?
*When Muslim schools can teach Quran, why Hindus cannot teach Gita or Ramayan in our schools?
*Do you admit that Hindus do have problems that need to be recognized? Or do you think that those who call themselves Hindus are themselves the problem?
*Why post - Godhra is blown out of proportion, when no-one talks of the ethnic cleansing of 4 lakh Hindus from Kashmir?
*Do you consider that - Sanskrit is communal and Urdu is secular, mandir is communal and masjid is secular, sadhu is communal and imam is secular, BJP is communal and Muslim league is secular, Dr.Praveen Bhai Togadia is ANTI-NATIONAL and Bhukari is secular, Vande Matharam is communal and Allah-O-Akbar is secular, Shriman is communal and Mian is secular, Hinduism is communal and Islam is secular, Hindutva is communal and Jihadism is secular, and at last, Bharat is communal and Italy is Secular?
*Why temple funds are spent for the welfare of Muslims when they are free to spend their money in any way they like?
*When uniform is made compulsory for school children, why there is no Uniform Civil Code for citizens?
*In what way, J&K is different from Maharashtra, Tami lNadu or Uttar Pradesh, to have Article 370?
*Abdul Rehman Antuley was made a trustee of the famous Siddhi Vinayak Temple in Prabhadevi, Mumbai can a Hindu - say Mulayam or Laloo – ever become a trustee of a masjid or madrasa?
*Dr. Praveen Bhai Togadia has been arrested many times on flimsy grounds. Has the Shahi Imam of Jama Masjid, Delhi, Ahmed Bhukari been arrested for claiming to be an ISI agent and advocating partition of Bharat?
*Can this happen anywhere, except in a HINDU NATION - BHARAT?

 Source: Facebook

जरा इनके बयानों का विरोधाभास देखिये....

हजारों सिखों का कत्लेआम – एक गलती
कश्मीर में हिन्दुओं का नरसंहार – एक राजनैतिक समस्या

...गुजरात में कुछ हजार लोगों द्वारा मुसलमानों की हत्या – एक विध्वंस
बंगाल में गरीब प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी – गलतफ़हमी

गुजरात में “परजानिया” पर प्रतिबन्ध – साम्प्रदायिक
“दा विंची कोड” और “जो बोले सो निहाल” पर प्रतिबन्ध – धर्मनिरपेक्षता

कारगिल हमला – भाजपा सरकार की भूल
चीन का 1962 का हमला – नेहरू को एक धोखा

मुस्लिम्स के लिए स्कूल-कालेजों में आरक्षण की मांग – सेक्यूलर
अल्पसंख्यक संस्थाओं में भी आरक्षण की भाजपा की मांग – साम्प्रदायिक

सोहराबुद्दीन की फ़र्जी मुठभेड़ – भाजपा का सांप्रदायिक चेहरा
ख्वाजा यूनुस का महाराष्ट्र में फ़र्जी मुठभेड़ – पुलिसिया अत्याचार

गोधरा के बाद के गुजरात दंगे - मोदी का शर्मनाक कांड
मेरठ, मलियाना, मुम्बई, मालेगाँव आदि-आदि-आदि दंगे - एक प्रशासनिक विफ़लता

हिन्दुओं और हिन्दुत्व के बारे बातें करना – सांप्रदायिक
इस्लाम और मुसलमानों के बारे में बातें करना – सेक्यूलर

संसद पर हमला – भाजपा सरकार की कमजोरी
अफ़जल गुरु को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद फ़ाँसी न देना – मानवीयता

भाजपा के इस्लाम के बारे में सवाल – सांप्रदायिकता
कांग्रेस के “राम” के बारे में सवाल – नौकरशाही की गलती

यदि कांग्रेस लोकसभा चुनाव जीती – सोनिया को जनता ने स्वीकारा
मोदी गुजरात में चुनाव जीते – फ़ासिस्टों की जीत

सोनिया मोदी को कहती हैं “मौत का सौदागर” – सेक्यूलरिज्म को बढ़ावा
जब मोदी अफ़जल गुरु के बारे में बोले – मुस्लिम विरोधी....

बुधवार, 24 अगस्त 2011

राजनीतिक क्रीडा ...

NDTV और IBN7 सरीखे "सत्यनिष्ठ" "निष्पक्ष" तथा घनघोर "कांग्रेस विरोधी" , विशेष रूप से "सोनिया-राहुल विरोधी" बन्ने का दिखावा करने वाले चैनलों ने भी कल रात से ये बताना शुरू कर दिया है कि टीम अन्ना कि मांगो को मनवाने में सोनिया द्वारा प्रधानमंत्री को भेजे गए "आदेश" और राहुल गांधी "जी" द्वारा दी गयी सलाह ने ही इस समझौते की शरुआत में मुख्य भूमिका निभायी है.....
बना दिया जनता को बेवकूफ....
इंडिया अगिन्स्त ......करप्शन IAC में ७०% पैसा कांग्रेस का लगा है जो इतने घोटालो के सामने आने के बाद राहुल और सोनिया की इमानदार छवि दिखने के लिए अन्ना का इस्तेमाल कर रहे है, सोनिया को पहले हे देश से बहार भेज दिया गया ताकि उनकी छवि पर कोई आंच न आये और राहुल को भी सामने नहि लाया गया ताकि कहानी चरम पर आते ही इन्हें आगे लाकर ये सिद्ध किया जा सके की कांग्रेस में भ्रस्त लोग हो सकते हैं पर गाँधी परिवार उंनसे लड़ रहा है और ईमानदारी के लिए कदम उठता रहेगा, प्ल्ज़ सुप्पोर्ट राहुल एंड वोट कांग्रेस...

शनिवार, 20 अगस्त 2011

NEWS: ANNA HAZARE movement has backing of RSS, middle class and youth

NEWS: ANNA HAZARE movement has backing of RSS, middle class and youth which together made a stir in the world. Now media of all world is covering this movement. Other Non-UPA parties are also joining it.

समाचार: अन्ना हजारे के आन्दोलन को RSS, माध्यम वर्ग और युवाओं का समर्थन प्राप्त है और इस आन्दोलन की गूंज विदेशी मीडिया में भी सुने दे रही है !! पाकिस्तान में भी कुछ लोग इस तरह का आन्दोलन चलने की तय्यारी कर रहे हैं.
बीजेपी तो इस आन्दोलन में पहले से थी, अब अन्य पार्टियाँ भी इस में उतर रही हैं.
Source: TOI and other news papers

Dalit columnist Chandrabhan Prasad has Quoted in Times of India(TOI)
"the anna movement is an upper-caste uprising against India's political democracy"
i don't understand why dalit section cannot recognize itself with India's Struggle? why they just try to get something from bharat and do not consider themself as a part of bharat?
why cann't they do constructive politics?

दलित लेखक चाद्रभन प्रसाद ने इस उच्च वर्ग के इंडियन राजनेतिक प्रजातंत्र के विरूद्ध विद्रोह की संज्ञा दी है. कुछ लोग इससे राईट विंग आन्दोलन बता रहे हैं.
ये सच है की बीजेपी ने इस आन्दोलन में भाग लेने वालों की सहायता करने के लिए देल्ली MCD में अपने समर्थ का उपयोग करते हुए रामलीला मैदान और अन्य जगहों को तैयार करवाया...
परन्तु आन्दोलन में भाग लेने वाले सभी वर्ग के लोग हैं जिसमे बीजेपी, RSS के साथ सभी वर्ग के लोग हैं जिसमे बाबा रामदेव के समर्थक भी हैं जिन्हें रामलीला मैदान में कांग्रेस सरकार की पुलिस से पिटवाया गया था. पर ज्यादा संख्या उस युवा वर्ग की है जो परेशान है सरकार की गलत नीतियों से, बेरोज़गारी से, या अपने रोज़गार की खामी से जो बढाती महगाई में उस के लिए आपर्यप्त है !!
जो अपने जीवन, समाज और देश में उन्नति और उत्कर्ष देखना चाहता है और गर्व से कहना चाहता है की मैं एक भारतीय हूँ !!
उअर रामदेव के पहुचते ही सरकार हरकत में आ गयी और अन्ना को छोड़ दिया गया क्योकि, रामदेव के समर्थक जो ज्यादातर गाँव में रहते हैं अगर देल्ली आ जाते तो कांग्रेस के प्राण संकट में पड़ जाते !!


However its true that the movement of Right wing and BJP has helped through its power in MCD DELHI to get Ramlila maidan and other places prepared for protesters.
BUT...
The protesters there are not just BJP supporters but they include people from all section of the society and a large chunk of them comprises of frustrated YOUTH who want change and is educated and unemployed or dissatisfied from their employment and condition of country.

A large part of protesters also include people who were beaten and send back from Ram Dev's Anshan and want to take a peaceful take on government and government knows this fact well. That is why when RamDev reached delhi to support Anna, government came in action and decided to release ANNA from jail, because if RamDev had got chance to make a call to people, thousands of rural public could have surfaced on the roads of delhi, make condition of congress worse.
Also today is Rajiv Gandhi's Birth Day and Congress party has spend lacs of Rupees in Ad given in Media for celebrating and Remembering Rajiv but no body is bothering as people are aware now of Gandhi family's politics as TWO MORE CAG Reports are waiting to explode on corruption making country suffer of loss of many thousand crore Rupees. First on Air India and other on Oil Exploration. Congress is Naked and Manmohan singh is worst PM, its proved in public now.

आज राजीव गाँधी का जन्मदिन भी है और कांग्रेस पार्टी ने मीडिया में विज्ञापन देने के लिए करोड़ों रूपया खर्च किया है पर किसी को इस की परवाह नहीं सभी अन्ना में रूचि रखते हैं जो भ्रस्ताचार के विरूद्ध लड़ रहे हैं जब की कांग्रेस के लिए दो CAG रिपोर्ट बुरी खबर बन कर आ रही है जिसमे सरकार द्वारा देश को करोडो की चपत का विवरण है एक एयर इंडिया में दूसरी तेल के अन्वेषण में.
कांग्रेस की पोल खुल गयी है
और मनमोहन सिंह सबसे बेकार प्रधान मंत्री साबित हुए हैं..
Long Live Revolution
Vande मातरम
वन्दे मातरम
जय हिंद
अजेय सिंह चौहान

गुरुवार, 18 अगस्त 2011

महात्मा से मुक्ति:१) अन्ना हजारे


“If our civilization is to survive, we must break with the habit of deference to great men. Great men make great mistakes.”
---- Sir Karl Raimund Popper (1902 -1994)

And when Great men make mistakes...it become social Blunder.
जब महान लोग गलती करते हैं तो वो गलती नहीं अपितु उनके अनुसरण कर्ताओं के दुःख और पीढ़ा का कारण बन जाती है...
......१> मोहनदास (महात्मा) गाँधी : देश का बटवारा और बोर्डर पर लाखों लाशें बिछना
२> बाबा राम देव और कांग्रेस की पुलिस के हातों हजारो लोगों की पिटाई.
३> अन्ना हजारे का पाखंडी और भ्रष्ट लोगों को साथ ले कर्जन आन्दोलन करना जैसे:

अग्निवेश:
जो एक असफल राजनेता है और हर जगह घटिया राजनीती करने की कोशिश करता है!! जैसे भगवा वस्त्र पहनना, स्वयं को आर्य समाजी बताना जबकि आर्य समाज समिति ने उसको आर्य समाज से उसके बुरे कर्मो के कारण निकल दिया था, मओवादिओं के पुलिस और सैनिकों की हत्या करने पर मओवादिओं को सही बताना, कश्मीर को भारत का अंग न कह कर आलगाव वादियों को खुश करना, और उसका ताज़ा कृत्य कश्मीरी गद्दार नेताओं से मिलने जाने पर अमर नाथ यात्रा को पाखंड बता बंद किये जाने को कहना...
प्रशांत भूषण और शांति भूषण:
ये पुत्र और पिता है जो अधिवक्ता(lawyer) हैं इन् पर आरोप लगते रहे है की ये पहले माफिया और घोटाले बाजों पर केस करते है फिर पैसे ले कर कोर्ट के बाहर समझोता कर लेते हैं और इन्होने खुद कई criminals को केस लड़ कर बचाया है जो प्रत्यक्ष रूप से दोषी थे ..
अरविन्द केजरीवाल और मनीष सिसोदिया:
ये NGO संस्थाएं चलते है और इनके संस्थाओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं. पर जब ये अन्ना हजारे से जुड़े तो भ्रष्टाचार की रकम लाखों-करोड़ों में जाने लगी और सुप्रीम कोर्ट के जज श्री P.B.सावंत की जाँच में 2005 में ये बात सामने आई की अन्ना और केजरीवाल के NGOs में आपस में सांठ-गाँठ है और लाखों रूपया का गबन होता है...
 
Anna himself is involved in several cases of corruption. This has been proved by the apex court appointed Justice Sawant Commission. The commission found that Anna runs several NGOs and money was spent illegally for many things including his birthday celebration. According to SC report, some workers of Hazare's trust are indulged either in graft or criminal act. Moreover, SC report had said Anna's birthday celebrations by his trust as illegal.

फिर भी अन्ना का साथ देना हमारी मजबूरी है क्योकि ज़हर को ज़हर ही मारता है पर हमें ज़हर को गले नहीं लगाना चाहिए!!!!
वर्ना भारत-माता के चित्र को non-secular(सांप्रदायिक) बता कर हटवा देने वाले अन्ना की टीम वाले कांग्रेस से भी बुरे राजनेता बन जायेंगे ?????